Guest Welcome |अतिथि स्वागत शायरी




अतिथि स्वागत शायरी 

डूबतों के लिये मैं किनारा बनूँ
लड़खड़ाये हुओं का सहारा बनूँ
आपसे आज हमको मिली प्रेरणा
जिंदगीं में कभी आपसा मैं बनूँ।
आप आये यहाँ शुक्रिया मेहरबां
क्या कहें आपको हम हुये बेजुबाँ
यह सभा हर्ष से हो गई तरबतर
नूर से भर गया है ये सारा शमाँ।
हार को जीत की इक दुआ मिल गई
तप्त मौसम में ठंडी हवा मिल गई
आप आये श्रीमान जी यूँ लगा
जैसे तकलीफ़ को कुछ दवा मिल गई।
मंच रौशन हुआ जगमगाहट मिली
हर्ष आनंद की खिलखिलाहट मिली
आपके आगमन से श्रीमान जी
हर किसी को यहाँ मुस्कराहट मिली।
ज्यों मरुस्थल में रंगीन गुल खिल गये
ज्यों समंदर में भटकों को तट मिल गये
हमको सानिध्य ऐसा लगा आपका
जैसे शबरी को उसके प्रभु मिल गये।
बड़ा उत्साह है सबमें, बड़ा रोमांच सबके मन
पुलक उट्ठा शमाँ सारा, खुशी से झूमता जन जन
बहुत आभार कहते हैं, बढ़ाया मान आकर के
हमारा कार्यक्रम को भव्यता दी, आपने श्रीमन।
आप तो एक पारस हैं, जो सोना पल में करते हैं
कुशल शिल्पी कहें पत्थर, सुघड़ मूरत में ढलते हैं
मिली सोहबत हमारे भाग्य हैं, श्रीमान जी आये
है अभिनन्दन हमारे मन, नमन वंदन को करते हैं।
सरल व्यक्तित्व में हमको, ख़ुदाई नूर दिखता है
मधुर वाणी अगर सुन लें, सुकूँ भरपूर मिलता है
फरिश्ते थे कभी हमने सुना था, बात सच निकली
हमें तो आपमें भगवान का, इक दूत दिखता है।
अगर गुमनाम है कोई, उसे इक नाम मिल जाये
मिले आशिष जिसे इनका, उसे पहचान मिल जाये
भला कैसे नहीं उसका मुक़द्दर, रँग बदलेगा
सुदामा को अगर जो आपसा, घनश्याम मिल जाये।
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1 Comments

  1. बेहतरीन सर
    अभिवादन की लाजवाब पंक्तियां

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