बेस्ट 15 अगस्त शायरी – इंडिपेंडेंस डे शायरी 2018 , देशभक्ति शायरी , 15 अगस्त की शायरी


बेस्ट 15 अगस्त शायरी

चुप्पियाँ तोड़ दो मुट्ठियाँ खोल दो
आज जय हिन्द मिल के सभी बोल दो
जिन शहीदों ने दी है शहादत उन्हें
आँख के आँसुओं की नमीं सौंप दो।
यह वतन यह चमन, हिन्द की सरजमीं
है हिमालय है गँगा, है यमुना कहीं
ईद का जश्न, होली दीवाली जहां
वह है हिन्दोस्तां, दिलनशीं दिलनशीं।
हर वचन के लिये, प्रान देते हैं हम
प्यार से माँग लो, जान देते हैं हम
आन पर बान पर, चोट करना नहीं
हक से हक मांग लो, मान देते हैं हम।

फ़लक पे गूँज उठी, धुन वतन परस्ती की
सजीं हैं मोड़ गलीं, आज बस्ती बस्ती की
बसंती रुत में सारा, मुल्क झुम उठ्ठा है
वतन में छा गई, लहर सी देशभक्ति की।
इतनी नहीं आसान थी ये रुत बहार की
लाखों ने सर कटाये गुलिस्तां के वास्ते।
यह आन बान शान ये पहचान हमारी
हमको मिलीं हैं जिनकी बदौलत उन्हें नमन।
नसों में दौड़ते खूँ की जगह, तेज़ाब रखते हैं
है हिंदुस्तान ज़िंदाबाद, ज़िंदाबाद रखते हैं
नहीं ऐसे शहीदों में, उन्हें स्थान मिलता है
तिरंगे में लिपट कर, मौत का वो ख़्वाब रखते हैं।

थी उनके हाँथ में बंदूक, फिर भी गोरे डरते थे
हमारे वीर बलिदानी, निहत्थे उनसे लड़ते थे
तुम्हारी आँख के आँसू, उन्हें इक दिन चढ़ा देना
वतन के वास्ते जो जान, देने से ना डरते थे।
कभी मीरा कभी ख़ुसरो, कभी रसखान हो जाऊँ
कभी राधा कन्हैया का, मैं गोकुल धाम हो जाऊँ
मैं वंदे मातरम की धुन, कहीं बजते हुये सुन लूँ
तिरंगे की तरह इठला के, हिंदुस्तान हो जाऊँ।
वो मंगल की अहद अशफ़ाक़ का, अरमान मिल जाये
जिगर आज़ाद का देना, भगत सिंह नाम मिल जाये
मुझे अल्लाह गौतम नानका, श्रीराम कुछ भी दो। 
मगर अगले जनम में फिर से, हिंदुस्तान मिल जाये।

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