फ्रेशर्स डे एंकरिंग शायरी
लो उठे फ़लक की ओर कदम
हम भरने उड़ानें निकले हैं
जल उठीं मशालें हाथों में
कर वश में हवायें निकले हैं।
हम भरने उड़ानें निकले हैं
जल उठीं मशालें हाथों में
कर वश में हवायें निकले हैं।
ये ज़िद मनमानी और ही है
ये नई जवानी और ही है
इस बार का जलवा और ही है
इस बार कहानी और ही है।
ये नई जवानी और ही है
इस बार का जलवा और ही है
इस बार कहानी और ही है।
हमें सिगरेट का धुँवा ना समझो,
जो छल्ला बना लोगे
ख़ुद निठल्ले हो तो तुम,
हमें भी निठल्ला बना दोगे।
हम कोई करीना नहीं हैं कि तुम,
सैफ़ अली की तरहा
हमारी लहराती चुनर को,
साड़ी का पल्ला बना दोगे।।
जो छल्ला बना लोगे
ख़ुद निठल्ले हो तो तुम,
हमें भी निठल्ला बना दोगे।
हम कोई करीना नहीं हैं कि तुम,
सैफ़ अली की तरहा
हमारी लहराती चुनर को,
साड़ी का पल्ला बना दोगे।।
आज का दिन ये फिर नहीं होगा
ये पल ये क्षण भी फिर नहीं होगा
फ्रेशर्स पार्टियाँ तो बहुत होंगीं यारो
ऐसा आलम ये फिर नहीं होगा।
ये पल ये क्षण भी फिर नहीं होगा
फ्रेशर्स पार्टियाँ तो बहुत होंगीं यारो
ऐसा आलम ये फिर नहीं होगा।
पीछे छोड़ो बचपना, भूल जाओ घर द्वार
फ्रेशर्स की है पार्टी, मस्ती कर लो यार।
फ्रेशर्स की है पार्टी, मस्ती कर लो यार।
यह अगर जंग है तो हम मिलकर लड़ेंगें
ये अगर मोहब्बत है तो दिल से करेंगें
किक मारो सारी टेंशन को यारो
आज बस मस्ती करो बाकी बात कल करेंगें।
ये अगर मोहब्बत है तो दिल से करेंगें
किक मारो सारी टेंशन को यारो
आज बस मस्ती करो बाकी बात कल करेंगें।
आसमान से ऊँची हमारी शान हो जाये
सारे ज़हान में हिन्द महान हो जाये
आओ कसम उठायें कुछ ऐसा कर जाने की
कि स्वस्थ और स्वच्छ हिन्दुतान हो जाये।
सारे ज़हान में हिन्द महान हो जाये
आओ कसम उठायें कुछ ऐसा कर जाने की
कि स्वस्थ और स्वच्छ हिन्दुतान हो जाये।
हे मात अपने नूर से, कुछ इस तरह भर दे हमें
तूफ़ान हो आँधी चले, पर रौशनी जलती रहे।
तूफ़ान हो आँधी चले, पर रौशनी जलती रहे।
Anchoring Shayari
सुहानी सर्दियों का, आफ़ताब लाया हूँ
छिड़क के नूर बज़्म में, गुलाब लाया हूँ
मैं आज चाँदनी में इश्क़, भिगोकर लाया
तुम्हारी महफ़िलों में, माहताब लाया हूँ।
छिड़क के नूर बज़्म में, गुलाब लाया हूँ
मैं आज चाँदनी में इश्क़, भिगोकर लाया
तुम्हारी महफ़िलों में, माहताब लाया हूँ।
नज़ारे फूल शबा रुत ये, तुम्हारी होगी
महक लुटाती हवा, रोज़ तुम्हारी होगी
बुलंद और करो, अपने इरादों को ज़रा
ख़ुशी ज़हान की हर एक, तुम्हारी होगी।
महक लुटाती हवा, रोज़ तुम्हारी होगी
बुलंद और करो, अपने इरादों को ज़रा
ख़ुशी ज़हान की हर एक, तुम्हारी होगी।
कोई बताये खता, तुम ना ऐतबार करो
किसी हसीन से, इक बार आँख चार करो
इश्क़ है सबसे बड़ी चीज, खुदाई यारो
प्यार की बात करो, प्यार करो प्यार करो।
किसी हसीन से, इक बार आँख चार करो
इश्क़ है सबसे बड़ी चीज, खुदाई यारो
प्यार की बात करो, प्यार करो प्यार करो।
फ़लक के पार चलो, इक उड़ान हो जाये
हमारी मुट्ठियों में, आसमान हो जाये
लगा के पँख ख़्वाहिशों के, छलांगें भर लो
ये चाँद नूर फ़िज़ा,अपने नाम हो जाये।
हमारी मुट्ठियों में, आसमान हो जाये
लगा के पँख ख़्वाहिशों के, छलांगें भर लो
ये चाँद नूर फ़िज़ा,अपने नाम हो जाये।
शरीफ़ जितने थे, ईमां ख़राब करने लगे
नतीज़े आये नहीं, इंक़लाब करने लगे
बड़ी मेहनत से, चमन में बाहर आई है
निठल्ले सारे शहर के, हिसाब करने लगे।
नतीज़े आये नहीं, इंक़लाब करने लगे
बड़ी मेहनत से, चमन में बाहर आई है
निठल्ले सारे शहर के, हिसाब करने लगे।
निज़ाम हाँथ में लेकर, के जेब भरते हैं
दिखा के ख़्वाब, हमेशा फ़रेब करते हैं
हवेलियों में लगाकर, शनील के पर्दे
यही वो लोग हैं जो, खुल के ऐब करते हैं।
दिखा के ख़्वाब, हमेशा फ़रेब करते हैं
हवेलियों में लगाकर, शनील के पर्दे
यही वो लोग हैं जो, खुल के ऐब करते हैं।
जान पर बन ही जाये, ऐसा तंग करते हैं
सुकून एक दूसरे का, भंग करते हैं
ये पींठ पीछे ना, अय्यारियाँ करो हमसे
ऐ मेरे दोस्त आओ, खुल के जंग करते हैं।
सुकून एक दूसरे का, भंग करते हैं
ये पींठ पीछे ना, अय्यारियाँ करो हमसे
ऐ मेरे दोस्त आओ, खुल के जंग करते हैं।
मुहिम ये जिंदगी की, ऐसे तय नहीं होगी
इश्क़ की बात करोगे, तो जय नहीं होगी
चिराग़ यूँ नहीं हवा ने, बुझाये होंगें
ज़रूर इसमें अंधेरों की, शह रही होगी।
इश्क़ की बात करोगे, तो जय नहीं होगी
चिराग़ यूँ नहीं हवा ने, बुझाये होंगें
ज़रूर इसमें अंधेरों की, शह रही होगी।
ज़रा सी बात के मतलब, हज़ार रखते हैं
तराजुओं में मोहब्बत, उधार रखते हैं
के जिनके आंगें तुम ये, गर्दनें झुकाते हो
वही तुम्हारी गर्दनों पे, धार रखते हैं।
तराजुओं में मोहब्बत, उधार रखते हैं
के जिनके आंगें तुम ये, गर्दनें झुकाते हो
वही तुम्हारी गर्दनों पे, धार रखते हैं।
ज़ुबाँ से बात निकलकर, कलाम हो जाये
तुम्हारी मिल्कियत, आसमान हो जाये
करो तो ऐसा करो, जिन्दगी में काम कोई
तुम्हारे काम से, भारत का नाम हो जाये।
तुम्हारी मिल्कियत, आसमान हो जाये
करो तो ऐसा करो, जिन्दगी में काम कोई
तुम्हारे काम से, भारत का नाम हो जाये।
पहाड़ों से सितारों तक, गगन नीलाम हो जाये
नज़र भर हैं लबालब ख़्वाब, इक अरमान हो जाये
समंदर पी गये गम ख़्वार बनकर, इंतज़ारों में
उड़ानें कुछ हमारी मर्जियों के, नाम हो जाये।
नज़र भर हैं लबालब ख़्वाब, इक अरमान हो जाये
समंदर पी गये गम ख़्वार बनकर, इंतज़ारों में
उड़ानें कुछ हमारी मर्जियों के, नाम हो जाये।
ताली शायरी
ठीक नहीं कहना मेरा, सबसे यह हर बार
करतल ध्वनि हो जाये तो, हो जाये उपकार
बिना कहे बजती रहें, हर प्रस्तुति के बाद
तड़-तड़ वाली तालियाँ, तब है कोई बात।
करतल ध्वनि हो जाये तो, हो जाये उपकार
बिना कहे बजती रहें, हर प्रस्तुति के बाद
तड़-तड़ वाली तालियाँ, तब है कोई बात।
ताली आप बजाओगे, बिखर जायेगा नूर
बज जायेगा ह्रदय में, बच्चों के संतूर
अथक परिश्रम से किया, इनने आज धमाल
ये बच्चे हक़दार हैं, ताली हो भरपूर।
बज जायेगा ह्रदय में, बच्चों के संतूर
अथक परिश्रम से किया, इनने आज धमाल
ये बच्चे हक़दार हैं, ताली हो भरपूर।
रौशन आलम हो गया, हर दिल में उत्साह
महफ़िल रंग जमायेगी, आशा दई जगाय
आप सभी जन को मेरा, नमस्कार आदाब
चलो आपके नाम पर, ताली कुछ हो जाय।
महफ़िल रंग जमायेगी, आशा दई जगाय
आप सभी जन को मेरा, नमस्कार आदाब
चलो आपके नाम पर, ताली कुछ हो जाय।
इतनी सुंदर प्रस्तुति, इतना सुंदर काम
शाबाशी कर दीजिये, इन बच्चों के नाम
खुलकर दे दो तालियाँ, इन परियों को आज
सबने अपने काम को, ख़ूब दिया अंजाम।
शाबाशी कर दीजिये, इन बच्चों के नाम
खुलकर दे दो तालियाँ, इन परियों को आज
सबने अपने काम को, ख़ूब दिया अंजाम।
बदली से टकराई जो, पायल की झंकार
सुख की सुंदर यात्रा, ले गई नभ के पार
मिश्री जैसी बारिशें, ले गईं दिल को लूट
जोर शोर से तालियाँ, बनती हैं सरकार।
सुख की सुंदर यात्रा, ले गई नभ के पार
मिश्री जैसी बारिशें, ले गईं दिल को लूट
जोर शोर से तालियाँ, बनती हैं सरकार।
जिव्हा बैठीं सरस्वती, शब्द-शब्द है नूर
मुख्य अतिथि का स्वागतम, दिल से हो भरपूर
भाषण बहुत कमाल था, अनुपम सुने विचार
ख़ूब बजाओ तालीयाँ, ये सच्चे हकदार।
मुख्य अतिथि का स्वागतम, दिल से हो भरपूर
भाषण बहुत कमाल था, अनुपम सुने विचार
ख़ूब बजाओ तालीयाँ, ये सच्चे हकदार।
कलाकार ने खींच दी, रेखा इक गम्भीर
सच का करके सामना, नैनन आया नीर
जोरदार हो तालियाँ, शहर भले हिल जाय
इस प्रस्तुति से आज की, बदल गई तस्वीर।
सच का करके सामना, नैनन आया नीर
जोरदार हो तालियाँ, शहर भले हिल जाय
इस प्रस्तुति से आज की, बदल गई तस्वीर।
जन-जन की उम्मीद जो, हर मन की जो आस
पुलकित आयोजक हुये, पाकर उनको पास
ह्रदय डुबोकर हर्ष में, मुदित भाव भर नैन
चलो बजाकर तालियाँ, स्वागत कर लें आज।
पुलकित आयोजक हुये, पाकर उनको पास
ह्रदय डुबोकर हर्ष में, मुदित भाव भर नैन
चलो बजाकर तालियाँ, स्वागत कर लें आज।
यश फैले जयवंत हों, हो अंनत सम्मान
गुंजित हो नभ पार तक, आपके सुंदर काम
हम सब आभारी हुये, श्रीमान जी आये
ताली जरा बजाओ तो, मुख्य अतिथि के नाम।
गुंजित हो नभ पार तक, आपके सुंदर काम
हम सब आभारी हुये, श्रीमान जी आये
ताली जरा बजाओ तो, मुख्य अतिथि के नाम।
Manch Shanchalan
धुन्ध ही धुंध थी पूरा आसमान,
सर पे उठा रक्खा था
एक बार हुज़ूर क्या कह दिया हमने,
आतंक मचा रक्खा था
हमने इक रोज़ इमदाद मांग कर,
उनकी हवा ख़राब कर दी
जिन्होंने खुद को बहुत बड़ा,
सुल्तान समझ के रक्खा था।
सर पे उठा रक्खा था
एक बार हुज़ूर क्या कह दिया हमने,
आतंक मचा रक्खा था
हमने इक रोज़ इमदाद मांग कर,
उनकी हवा ख़राब कर दी
जिन्होंने खुद को बहुत बड़ा,
सुल्तान समझ के रक्खा था।
बिना दुश्वारी के बिना तकलीफों के
ये नामुराद ख़्वाब कहाँ संवरते है
हवा चाहे तो आतंक मचा कर देख ले
हम वो चिराग हैं जो आँधियों में भी जलते हैं।
ये नामुराद ख़्वाब कहाँ संवरते है
हवा चाहे तो आतंक मचा कर देख ले
हम वो चिराग हैं जो आँधियों में भी जलते हैं।
दुनियादारी के रंग ढंग मुझमें भी हैं,
मैं कोई जहां से अलग या जुदा नहीं हूँ
कोई ग़लती हो जाये तो माफ़ कर देना,
मै भी इंसान हूँ कोई खुदा नहीं हूँ।
मैं कोई जहां से अलग या जुदा नहीं हूँ
कोई ग़लती हो जाये तो माफ़ कर देना,
मै भी इंसान हूँ कोई खुदा नहीं हूँ।
इन तंत्र-मन्त्र टोटके करने वालों को
भगवान नहीं कह सकते
चंद सिक्के दान कर देने वालों को
महान नहीं कह सकते
उदास चेहरे पे मुस्कान लाओ,
तो रकीब भी कह दें तुम्हें
खुदगर्ज़ सिर्फ खुदगर्ज़ ही होते हैं,
उनको इंसान नहीं कह सकते।
भगवान नहीं कह सकते
चंद सिक्के दान कर देने वालों को
महान नहीं कह सकते
उदास चेहरे पे मुस्कान लाओ,
तो रकीब भी कह दें तुम्हें
खुदगर्ज़ सिर्फ खुदगर्ज़ ही होते हैं,
उनको इंसान नहीं कह सकते।
इन रंग भरे पर्दों के पीछे से
गुनगुनाती खुशबु आ रही है
इक जुनूँ की लहक एक शिद्दत इक तड़प
सपनीली दुनिया मुस्करा रही है
अब तो दिल भी काबू में नहीं
धड़कनें भी उतावली सी हैं
ये बगावती इशारे कहीं इस बात के तो नहीं
कि अगली प्रस्तुति धमाके वाली आ रही है।
गुनगुनाती खुशबु आ रही है
इक जुनूँ की लहक एक शिद्दत इक तड़प
सपनीली दुनिया मुस्करा रही है
अब तो दिल भी काबू में नहीं
धड़कनें भी उतावली सी हैं
ये बगावती इशारे कहीं इस बात के तो नहीं
कि अगली प्रस्तुति धमाके वाली आ रही है।
कुछ चेहरे यूँ ही नहीँ मुस्कराया करते
रंग बसंती वो यूँ ही नहीँ उड़ाया करते
बड़ी जिम्मेदारी है सारा जहाँ महकाना
कुछ फूल दुनियाँ में यू ही नहीँ आया करते।
रंग बसंती वो यूँ ही नहीँ उड़ाया करते
बड़ी जिम्मेदारी है सारा जहाँ महकाना
कुछ फूल दुनियाँ में यू ही नहीँ आया करते।
कौन कहता है मुस्कराहटों के संजोग नहीं होते
दुनियाँ में अब मोहब्बतों के रोग नहीं होते
फरिश्तों और परियों का मेला लगा हुआ है यहाँ पर
शायद उन्होंने अब तक ग्रीन क्लब के लोग नहीं देखे।
दुनियाँ में अब मोहब्बतों के रोग नहीं होते
फरिश्तों और परियों का मेला लगा हुआ है यहाँ पर
शायद उन्होंने अब तक ग्रीन क्लब के लोग नहीं देखे।
कहाँ हैं ऐसे लोग जो निस्पृह रण में जूझने जाते हैं
परहित में निजहेतु त्यागकर प्यार बाँटते जाते हैं
आशाओं के पुष्प पल्लवित होते इन्हीं मालियों से
आओ इनका स्वागत करके जीवन सफल बनाते हैं।
परहित में निजहेतु त्यागकर प्यार बाँटते जाते हैं
आशाओं के पुष्प पल्लवित होते इन्हीं मालियों से
आओ इनका स्वागत करके जीवन सफल बनाते हैं।
नीले आस्मां से धुंध अब छंटने ही वाली है
खुशनुमा आलम है फिजा बहकने वाली है
कुछ फरिश्ते और परियां आनी थी वो भी आ गईं
सौगातें भी अब चंद पलों में बंटने ही वाली है।
खुशनुमा आलम है फिजा बहकने वाली है
कुछ फरिश्ते और परियां आनी थी वो भी आ गईं
सौगातें भी अब चंद पलों में बंटने ही वाली है।
ताब आब बर्ताव नज़रिये ज़ज़्बात सब ऐसे ही होते
ये दानिशमंदी ये रहनुमाई के अंदाज़ ऐसे ही होते
हमने मुहब्बत के मसीहा देखे तो नहीं पर लगता है
कि फरिश्ते अगर होते तो क़ुछ क़ुछ आप जैसे ही होते।
ये दानिशमंदी ये रहनुमाई के अंदाज़ ऐसे ही होते
हमने मुहब्बत के मसीहा देखे तो नहीं पर लगता है
कि फरिश्ते अगर होते तो क़ुछ क़ुछ आप जैसे ही होते।
आप काबिलों के काबिल आलिमों के आलिम हैं
गम में पुकारो ख़ुशी में पुकारो आप सदा हाज़िर हैं
हमें नाज़ है कि आप जैसी शख्शियत हमारे बीच में है
आप जैसे लोग इंसानों में नहीं फरिश्तों में शामिल हैं।
गम में पुकारो ख़ुशी में पुकारो आप सदा हाज़िर हैं
हमें नाज़ है कि आप जैसी शख्शियत हमारे बीच में है
आप जैसे लोग इंसानों में नहीं फरिश्तों में शामिल हैं।
हौसला बाज़ार में नहीं मिलता, पैदा किया जाता है
नीलकंठ तो बनना है सबको, ज़हर नहीं पिया जाता है
तड़प हो तो पर्वत का सीना चीर, नीर फूट पड़ता है
कदम बढ़ाओ मौका माँगा नहीं, छीन लिया जाता है।
नीलकंठ तो बनना है सबको, ज़हर नहीं पिया जाता है
तड़प हो तो पर्वत का सीना चीर, नीर फूट पड़ता है
कदम बढ़ाओ मौका माँगा नहीं, छीन लिया जाता है।
ज़िन्दगी को खूबसूरत बनाना, कतई मुश्किल नहीं
शर्त ये है कि तुमसा कोई, पास होना चाहिये।
शर्त ये है कि तुमसा कोई, पास होना चाहिये।
मंच संचालन के लिये शायरी
इस रंग भरे गुलशन में हम, खुश्बू का गगन बनायेंगे
लज़्ज़त के नए हिंडोलों में,
झूलेंगे और झुलायेंगे
यह महज़ नहीं इक आयोजन,
यह बरसातों का मेला है
हम आज सुधा बरसायेंगे,
भीगेंगे और भिगायेंगे।
सबकी गरिमा के अनुरूप,
सादर अभिवादन करते हैं
मंगल मूर्ति को दीप जला,
मंगल का गायन करते हैं
मेहमानों के स्वागत का भी,
क्रम का अनुपालन आवश्यक
बस इंतज़ार अब ख़त्म हुआ,
हम अभी शुभारंभ करते हैं।
सादर अभिवादन करते हैं
मंगल मूर्ति को दीप जला,
मंगल का गायन करते हैं
मेहमानों के स्वागत का भी,
क्रम का अनुपालन आवश्यक
बस इंतज़ार अब ख़त्म हुआ,
हम अभी शुभारंभ करते हैं।
हड़बड़ी न करें साहिबान,
आप इस तरहा रूठ कर न जायें
ये सिलसिला मुहब्बत का है,
ये कड़ियाँ कहीं टूट न जायें
हमने आपके लिए सितारों,
परियों का जमघट लगाया है
अब तो रहमतें बंटने ही वाली हैं,
जनाब कहीं छूट ना जायें।
आप इस तरहा रूठ कर न जायें
ये सिलसिला मुहब्बत का है,
ये कड़ियाँ कहीं टूट न जायें
हमने आपके लिए सितारों,
परियों का जमघट लगाया है
अब तो रहमतें बंटने ही वाली हैं,
जनाब कहीं छूट ना जायें।
आओ करीब आओ डरो नहीं,
जी भर के लूट लो
फिर ना कहना मोहब्बत बट रही थी,
और हमें कतरा ना मिला।
जी भर के लूट लो
फिर ना कहना मोहब्बत बट रही थी,
और हमें कतरा ना मिला।
ये शाम ये समां ये लुत्फ़, ये दिलकश आलम
ज़न्नत अगर होगी, तो यक़ीनन ऐसी ही होगी।
ज़न्नत अगर होगी, तो यक़ीनन ऐसी ही होगी।
ये महज़ महफ़िल नहीं है, ये ख्वाबों की ज़मीन है
परदा तो उठने दो दोस्तो, ढेरों हसीं वाकयात होंगे।
परदा तो उठने दो दोस्तो, ढेरों हसीं वाकयात होंगे।
ले सुहानी शाम आई, इश्क़ को आग़ोश में
फूल सज कर आये हैं, ख्वाबों की माला पहिनकर
इत्र मल-मल कर चली, पुरवाई हरसू नींद में
लड़खड़ाकर गिर पड़ीं, खुशियाँ हमारी गोद में।
फूल सज कर आये हैं, ख्वाबों की माला पहिनकर
इत्र मल-मल कर चली, पुरवाई हरसू नींद में
लड़खड़ाकर गिर पड़ीं, खुशियाँ हमारी गोद में।
तड़प सीने में हो आँखें, कहानी बोल देती हैं
चुभन पाँवों में उठती हो, निगाहें बोल देती हैं
हँसी करती रही दिन भर, दिखावा मुस्कराने का
धुँवा किस ओर उट्ठा है, हवायें बोल देती हैं।
चुभन पाँवों में उठती हो, निगाहें बोल देती हैं
हँसी करती रही दिन भर, दिखावा मुस्कराने का
धुँवा किस ओर उट्ठा है, हवायें बोल देती हैं।
हमने भी अच्छे अच्छों का ईमान ख़राब देखा है
मौका परस्तों का दस्तूर रिवाज़ ए हिसाब देखा है
हवा हर बार जिनको बख्श देती थी मोहब्बत में
उन्हीं चिरागों को हमने हवाओं के ख़िलाफ़ देखा है।
मौका परस्तों का दस्तूर रिवाज़ ए हिसाब देखा है
हवा हर बार जिनको बख्श देती थी मोहब्बत में
उन्हीं चिरागों को हमने हवाओं के ख़िलाफ़ देखा है।
ना थामा हाँथ कोई गम नहीं उंगली पकड़ लेता
मैं खुश्बू बनके उड़ जाता अगर बाहों में भर लेता।
मैं खुश्बू बनके उड़ जाता अगर बाहों में भर लेता।
कोई कहता मंदिर जाओ, जप तप कर लो ध्यान करो
कोई कहता मस्ज़िद जाओ, सज़दा कर रमजान करो
इक सबक मुहब्बत का भूले, हर दिल में ईश्वर बसता है
पूजा सज़दा हो जायेगी, हो सके तो सबको प्यार करो।
कोई कहता मस्ज़िद जाओ, सज़दा कर रमजान करो
इक सबक मुहब्बत का भूले, हर दिल में ईश्वर बसता है
पूजा सज़दा हो जायेगी, हो सके तो सबको प्यार करो।


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गज़ब चोरी करते हो। पूरी वेबसाइट ( udtibaat.com) का कंटेट ही कॉपी कर लिए। क्या मज़ा आ गया जी। ख़ुद 1 पंक्ति लिखो तो समझ आएगा कि कितनी मेहनत लगती है। किHचेतावनी देता हूँ। पूरा कंटेंट डिलीट करें। अन्यथा
ReplyDelete( किसी भी रचनाकर की रचना का आंशिक,पूर्ण या अर्द्ध भाग नकल या चोरी करना या कूटरचित सामग्री तैयार करके उससे अनुचित लाभ उठाने पर भारतीय दंड संहिता 467,468 IPC,और भारतीय कॉपीराइट एक्ट 1956 के अन्तर्गत कानूनी अपराध है) के तहद कार्रवाही करूँग।